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तेय्यम कैलेंडर


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आठ सौ साल से अधिक के इतिहास वाला कला रूप तेय्यम उत्तरी केरल का सबसे भव्य आनुष्ठानिक कला है। तेय्यम प्रदर्शनों में शामिल हैं अनेक देवताओं के मिथक और कथाएं तथा केरल के मिथकशास्त्र में वर्णित दैवी आत्माएं; और इसके कलाकार इस कला की शुद्धता और आनुष्ठानिक विरासत की रक्षा हेतु बेहद दक्ष और प्रतिबद्ध होते हैं।

तेय्यम शब्द की उत्पत्ति दैवम से हुई मानी जाती है, जिसका अर्थ देवता होता है, यह इस मान्यता पर आधारित है कि अमर आत्मा नश्वर शरीर में प्रवेश कर दिव्य अनुभूति के आनुष्ठानिक नृत्य प्रदर्शित करती हैं। तेय्यम के प्रदर्शन का भव्य रूप चेहरे की सघन सज्जा, आकर्षक सिरोभूषण, विशेष प्रकार के कॉस्ट्यूम और अनोखे आभूषणों की मदद से संभव होता है। तेय्यम का प्रदर्शन मलबार के अनेक मंदिरों में नियमित रूप से हर साल होता है प्रायः गांव के मंदिर के सम्मुख। यह प्रदर्शन “खुले मंच” पर होता है और इसे पारंपरिक मलबार घरों में भी त्योहार के समय या विशेष अवसरों पर प्रदर्शित किया जा सकता है।

नीचे दिए गए कैलेंडर में मलबार के 100 तेय्यम त्योहारों के चित्र दिए गए हैं। इसमें मंदिर की अवस्थिति, प्रदर्शन की तारीखें और आगामी प्रदर्शनों के बारे में जानकारी हेतु संपर्क व्यक्ति के विवरण भी दिए गए हैं। इस संग्रह में शामिल हैं उत्तरी मलबार में विभिन्न स्थानों पर मनाए जाने वाले तेय्यम त्योहारों के एक सौ वीडियो। ये वीडियो आपको इस भव्य कला प्रदर्शन के वस्त्राभूषण, लय, संगीत और नृत्य से परिचित कराएंगे।

कृपया ध्यान दें कि इस त्योहार के विवरण केवल अंग्रेजी में उपलब्ध हैं।