जवाहर तायन्करि चुण्डन ने 31 जुलाई, 1973 को स्नेक बोट रेस सर्किट में अपनी शानदार शुरुआत की। 52 साल बाद भी, यह बैकवाटर क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनी हुई है, जिसने कई जीत और प्रशंसा अर्जित की है। यह पौराणिक जहाज आलप्पुष़ा जिले के एक गाँव तायन्करि का गौरव है।

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सम्मान में नामित जवाहर तायन्करि चुण्डन में 92 लोग बैठ सकते हैं। तायन्करि के 250 शेयरधारकों के सह-स्वामित्व वाली इस नाव को प्यार से ‘वेल्लिक्कूम्बन’ (चांदी की नोक वाली) कहा जाता है, क्योंकि इसके आगे के सिरे पर चांदी की नोक लगी हुई है।

पिछले 50 वर्षों में जवाहर तायन्करि ने केरल में लगभग सभी प्रमुख स्नेक बोट रेस में जीत हासिल की है। इसने 1977 में अपनी पहली नेहरू ट्रॉफी जीत हासिल की और 1978, 1985, 2010 और 2015 में भी जीत हासिल की। ​​यह नाव 14 बार नेहरू ट्रॉफी फाइनल में उपविजेता भी रही है। आज, जवाहर बोट क्लब तायन्करि स्नेक बोट के लिए कुशल नाविक उपलब्ध कराता रहता है।

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