केरल में ईसाई धर्म

ईसाई धर्म केरल का तीसरा सबसे व्यापक धर्म है, भारत सरकार की जनगणना के अनुसार जनसंख्या का 18% । अल्पसंख्यक समुदाय होने के बावजूद केरल में ईसाई समुदाय संपूर्ण भारत के ईसाई समुदाय की तुलना में आनुपातिक रूप से बहुत बड़ा है। भारतीय ईसाई जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा इस राज्य में निवास करता है।

सेंट थॉमस ईसाई, जो सीरियन ईसाई या मलंकरा नस्राणी या नस्राणी माप्पिला या नस्राणी कहलाते हैं, भारत में केरल के मलयाली सिरिएक ईसाई का प्रजातीय-धार्मिक समुदाय है जो अपना इतिहास पहली शताब्दी में थॉमस द अपोस्तल की ईसाई धर्म प्रचार संबंधी गतिविधियों से जोड़ते हैं। सीरियन शब्द उनकी प्रजातीयता को नहीं बल्कि उनके इतिहास, धर्म और उपासना पद्धति को सिरिएक ईसाइयत से संबद्ध करता है।

स्नैपशॉट्स

Churches in Kerala

केरल के चर्च

Christian Cuisine

ईसाई खान-पान

Feasts & Festivals

त्योहार और उत्सव

Church Architecture

चर्च स्थापत्य

Institutions

संस्थानों

Christian Museums

ईसाई संग्रहालय

स्थापत्य और भित्ति चित्र

ईसाई चर्चों का स्थापत्य अपनी विशिष्ट शैली और संरचना के कारण सबसे अलग है। केरल के भित्ति चित्र धर्म, भक्ति, कला और साहित्य के मिश्रण हैं।

Church Architecture

चर्च स्थापत्य

ज्यादातर चर्च पहाड़ियों के ऊपर बनाए गए या बड़े इलाकों में नदियों के किनारे बनाए गए जिनका रुख पूरब की तरफ होता है।

Mural Paintings

भित्ति चित्र

1815 में स्थापित पालियेक्करा के सेंट जॉर्ज चर्ज की पश्चिमी दीवारों पर पाए जाने वाले भित्ति चित्रों की विशिष्ट शैली है।

Murals and Sculptures of Churches

चर्च के भित्ति चित्र और स्थापत्य

केरल में लकड़ी और हाथी दांत की प्रचुरता के कारण उनका निर्माण हुआ।