तिरुवातिराक्कलि या कैकोट्टीक्कलि केरल में प्रचलित एक अनोखा नृत्य प्रदर्शन है जो शिव के जन्मदिन तिरुवातिरा के पवित्र दिन आयोजित किया जाता है। इसका निष्पादन चिर वैवाहिक सुख प्राप्ति हेतु महिलाएं करती हैं। यह मलयालम महीना धनु (दिसंबर-जनवरी) में पड़ता है। हिंदु पौराणिक गाथाओं के आनुसार भगवान शिव के कोप से भस्म हुए कामदेव को पुनः जीवन की प्राप्ति इसी नृत्य के कारण हो पाई थी।
आठ से दस के समूह में पारंपरिक केरल की वेषभूषा में सजी महिलाएं एक गोल घेरे में इस नृत्य का प्रदर्शन करती हैं। नृत्य की सुंदर गति बड़े आकर्षक होते हैं। रंगीन बॉर्डर वाली सफेद साड़ी और बालों में लगे जैस्मीन (मोगरा) के गजरे एक बेहद अनोखा नजारा प्रस्तुत करते हैं। पवित्रता और स्त्री ऊर्जा की शक्ति इस प्राचीन रिवाज का मूल है।