ओच्चिरा परब्रह्मा मंदिर में, जो “दक्षिण काशी” के नाम से प्रसिद्ध है, ओच्चिरा कालाकेट्टु नामक एक ऐसा अनोखा उत्सव आपकी प्रतीक्षा करता है जिसके बारे में आपने शायद कभी सुना हो। अपने अनोखे अनुष्ठान और रस्म के लिए प्रसिद्ध इस प्राचीन मंदिर में किसी देव मूर्ति की पूजा नहीं की जाती। इस मंदिर में प्रकृति की असीम शक्ति की आराधना की जाती है जो परमब्रह्म, यानी ब्र्ह्मांडीय चेतना की प्रतीक है। इस पवित्र मंदिर में अनेक त्योहार बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करते हैं। उन त्योहारों में सबसे लोकप्रिय है ओच्चिरा कालाकेट्टु जो ओणम त्योहार के 28वें दिन मनाया जाता है।