काक्कारिश्शि नाटकम एक मनोरंजक कला है जो हास्य-व्यंग्य, गीत और संगीत पर आधारित है जिनके माध्यम से अनेक कथाएं प्रदर्शित की जाती हैं। हिंदू देवता भगवान शिव और उनकी सहयोगी देवी गंगा और देवी पार्वती के प्रसंगों से लेकर समकालीन सामाजिक मुद्दों तक इसमें विभिन्न प्रकार के विषय मनोरंजक तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं। यह पारंपरिक कला रूप समय के माहौल को व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका होता है जिससे आम आदमी खुद को जोड़ पाता है।
तमिलनाडु और केरल में इस कला रूप के अधिकतर संस्करण प्रचलित हैं और इनमें आप कलाकार को भविष्यवक्ता काक्कालन और काक्कात्ति का स्वांग करते देख सकते हैं। उनके इर्दगिर्द हार्मोनियम, मृदंगम और गणचिरा जैसे वाद्ययंत्रों के साथ बड़ी भीड़ इकट्ठी होती है जिससे माहौल बेहद आकर्षक बन जाता है। कलाकारों के मेक-अप बड़े भव्य होते हैं जिससे उनका प्रदर्शन जोरदार होता और पात्र जीवंत हो उठते हैं।