कोलकली केरल के उत्तरी मलबार क्षेत्र में प्रचलित एक अत्यंत लयपूर्ण लोक कला है। नर्तक छोटी छड़ियों की जोड़ी लिए निलविलक्कु के इर्द-गिर्द गोल-गोल घूमते हुए नाचते-गाते हैं और एकदूसरे की छड़ियों से अपनी छड़ी टकराते हैं। हालांकि नर्तक विभिन्न पैटर्न बनाते हुए प्रदर्शन करते हैं लेकिन उनका एक भी छड़ी की पिटाईछूटता नहीं है। मलबार में, कोलकली मुस्लिम पुरुषों के बीच अधिक प्रचलित है।