केरल का शास्त्रीय नृत्य नाटिका कथकली पौराणिक थीम पर आधारित है। कथकली अपने भव्य कॉस्ट्यूम्स और सूक्ष्म भंगिमाओं के कारण दर्शकों को आकर्षित करता है। कथकली में मेक-अप (श्रृंगार) का बहुत महत्व है क्योंकि यह संपूर्ण परफॉर्मेंस को संदर्भ से जोड़ने और उचित माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाता है। तीन चरणों में पूर होने वाले संपूर्ण मेक-अप में लगभग तीन से चार घंटे का वक्त लगता है और इस अवधि में कैरेक्टर तथा कॉस्ट्यूम की जटिलता के आधार पर अंतर आ सकता है। तेप्पु पहला चरण है जहां कलाकार खुद से अपने चेहरे पर आधारभूत चित्रकारी करते हैं। इसके बाद चुट्टिक्कारन (मेक-अप मैन) चुट्टी करता है जिससे दूसरे चरण का निर्माण होता है। कैरेक्टर और उनके व्यक्तित्व को विभेदित करने में चुट्टी की अहम भूमिका होती है। उडुत्तुकेट्ट ड्रेसिंग का तीसरा चरण है। दूसरों की मदद से सफेद कपड़े के कड़े टेप कमर के चारों ओर लगाए जाते हैं कच्छा नामक एक दूसरे कपड़े की मदद से एक साथ बांधे जाते हैं। पायजेब, रंगीन और अलंकृत वास्कट, आभूषण और विशाल शिरोभूषण से कथकली का कॉस्ट्यूम पूरा होता है।
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