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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल की पारंपरिक कला और शिल्प कौन से हैं?

केरल में कला और शिल्प की समृद्ध परंपरा है, जो इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संसाधनों को प्रतिबिंबित करती है।

आइये केरल में देखी जाने वाली कुछ दिलचस्प शिल्पकलाओं पर नजर डालें।

कसव: नाजुक सुनहरे ज़री के किनारों वाली यह ऑफ-व्हाइट सूती साड़ी केरल की परंपरा का एक कालातीत प्रतीक है।

मुंडु: केरल में पुरुषों द्वारा पहनी जाने वाली पारंपरिक धोती, जो आमतौर पर कपास या रेशम से बनी होती है, और रंगीन किनारों से सजी होती है।

बेल मेटल शिल्प: केरल अपनी बेल मेटल कृतियों के लिए प्रसिद्ध है। कुशल कारीगर बेल मेटल से टिकाऊ बर्तन, लैंप और सजावटी सामान बनाते हैं, जो अपनी टिकाऊ गुणवत्ता और गूंजती आवाज़ के लिए जाना जाता है।

आरन्मुला कण्णाडि: आरन्मुला के ये विशिष्ट धातु दर्पण अपनी विस्तृत शिल्पकला और असाधारण परावर्तक गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं। माना जाता है कि यह धातु, एक विशेष कांस्य मिश्र धातु है, जिसमें औषधीय गुण होते हैं।

कॉयर उत्पाद: केरल कॉयर का अग्रणी उत्पादक है, जो नारियल के छिलकों से प्राप्त एक प्राकृतिक रेशा है। कारीगर कॉयर से चटाई, कालीन, फर्नीचर और विभिन्न उपयोगी और सजावटी सामान बनाते हैं। अपनी मजबूती और पर्यावरण-मित्रता के लिए जाने जाने वाले कॉयर उत्पादों की बहुत मांग है।

नारियल के खोल से शिल्प: कुशल कारीगर नारियल के खोल से कई प्रकार की सुंदर और व्यावहारिक वस्तुएं बनाते हैं, जिनमें कटोरे, कप, चम्मच और सजावटी सामान शामिल हैं।

नेट्टूर पेट्टि: लकड़ी की यह पारंपरिक पेट्टि, जीवंत लाख (राल) कलाकृति के साथ जटिल शिल्प कौशल को दर्शाती है। पौराणिक दृश्यों, पुष्प रूपांकनों और ज्यामितीय पैटर्न से सजी यह पेट्टि केरल की समृद्ध कलात्मक विरासत को दर्शाती है।

स्क्रू पाइन उत्पाद: स्क्रू पाइन के पत्तों से बुने गए ये मैट, टोकरियाँ और सजावटी सामान अपनी टिकाऊपन और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मूल्यवान हैं।

केले के रेशे से बने हस्तशिल्प: टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल केले के रेशे से बैग, चटाई और विभिन्न उपयोगी वस्तुएं बनाई जाती हैं।

कथकली मुखौटे: कागज़ की लुगदी से बने ये मुखौटे शास्त्रीय नृत्य-नाटक कथकली के पात्रों को दर्शाते हैं, जो संग्रह की वस्तुएँ हैं और केरल की समृद्ध प्रदर्शन कलाओं के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व हैं। यह राज्य की विविध और जीवंत पारंपरिक कलाओं और शिल्पों की एक झलक मात्र है।

केरल शिल्पकला की एक विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करता है जो इसके कारीगरों की कलात्मक प्रतिभा और कुशल शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है।