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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल की जलवायु मसाला खेती के लिए क्यों अच्छी है?

भारत के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित केरल अपनी प्रचुर वर्षा और आर्द्र जलवायु के लिए प्रसिद्ध है, जो काली मिर्च, इलायची, दालचीनी, लौंग और जायफल जैसे मसालों की खेती के लिए आदर्श वातावरण बनाता है। केरल के किसान पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करते हैं, जो सतत और जैविक खेती के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। राज्य के विविध कृषि-जलवायु क्षेत्र विभिन्न मसाला फसलों की पूर्ति करते हैं, जिसमें इडुक्कि और वायनाड के ऊंचे क्षेत्र इलायची के लिए एकदम सही हैं, और कोट्टयम और आलप्पुष़ा के निचले इलाके काली मिर्च और अदरक के लिए आदर्श हैं। केरल की कृषि मुख्य रूप से दो मानसून ऋतुओं - दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) और उत्तर-पूर्वी मानसून (अक्टूबर-दिसंबर) द्वारा आकार लेती है - जो पर्याप्त वर्षा प्रदान करते हैं, मिट्टी को समृद्ध करते हैं और मसाला खेती का समर्थन करते हैं।