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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या चीन ने सैकड़ों वर्ष पहले केरल के साथ व्यापार किया था?

चीन और केरल के बीच व्यापार 1125 ई. से 1498 ई. के बीच खूब फला-फूला, जिसमें पश्चिम से आए अरबों ने सुदूर पूर्व से आए चीनियों द्वारा लाए गए माल के साथ-साथ अन्य वस्तुओं का भी आदान-प्रदान किया।

केरल में अभी भी चीनी घरेलू सामान इस्तेमाल में हैं, जैसे कि चीना चट्टी (चीनी कड़ाही), चीना भरणी (चीनी जार), प्रतिष्ठित चीना वला (चीनी मछली पकड़ने का जाल/चाइनीस फिशिंग नेट) और चीना पट्टु (चीनी रेशम)। इसके अलावा, चीन और केरल को जोड़ने वाला प्रसिद्ध मसाला मार्ग (स्पाइस रूट) उनके ऐतिहासिक व्यापारिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।

क्रिस्टोफर कोलंबस और वास्को द गामा जैसे नाविकों से बहुत पहले, मिंग राजवंश के खोजकर्ता, चीनी बेड़े के एडमिरल झेंग हे ने 1403 ई. में 20,000 से अधिक लोगों के बेड़े के साथ कोष़िक्कोड का दौरा किया था।