केरल की स्मारिकाएँ
स्मारिका का अर्थ जीवन के अलग अलग तरह के अनुभवों की खूबसूरत यादें है। यात्रा की बात करें तो स्मारकों का बहुत महत्व होता है, विशेषकर जब लोग केरल जैसे सचमुच दर्शनीय जगह की यात्रा करते हैं।
केरल में, यात्रियों को अनेक स्मारिकाएँ देखने का मौका मिलता है जो इसकी संस्कृति, इतिहास, कला और सामाजिक-धार्मिक पहलुओं को उजागर करता है। केरल के स्मारिका अपनी परंपरा और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं। यह राज्य अपने हैंडलूम, स्वर्णाभूषण और मसालों के लिए जाना जाता है। केरल का हैंडलूम अपनी बेजोड़ शैली, शानदार रूप और सुंदर डिज़ाइन के लिए मशहूर है।
केरल की यादगार वस्तुएं कई प्रकार के आकर्षक तथा अनोखे हस्तनिर्मित वस्तुएं होती हैं। उनमें से कुछ जो काफी लोकप्रिय हैं- आरन्मुला कन्नाडी (धातु का दर्पण); नारियल के खोपरे (कवच), लकड़ी, चीका मिट्टी तथा बेंत से निर्मित हस्तनिर्मित वस्तुएं; भित्ति चित्र तथा हैंडलूम की वस्तुएं जैसे कसावू साड़ी (सुनहरी जड़ी वाली साड़ी)।
केरल में पर्यटक कल्चर शॉप से यहां की विभिन्न विशिष्ट निशानियां खरीद सकते हैं। कल्चर शॉप केरल की यादगार वस्तुओं को बढ़ावा देने वाली केरल सरकार के पर्यटन विभाग की आधिकारिक एजेंसी है। कल्चर शॉप में पर्यटक उरुली (वोक), परा (पारंपरिक मापन पात्र का पीतल का बना लघु प्रतिरूप), केट्टुवल्लम (चावल की नाव), आरन्मुला कन्नाडी (धातु का दर्पण), नेट्टीपट्टम (हाथियों की सज्जा वस्तु), नेटूर पेट्टी (पारंपरिक आभूषण बॉक्स) तथा कई अन्य आकर्षक वस्तुओं जैसे गिफ्ट तथा स्मारिकाएं (मेमेंटो) खरीद सकते हैं।
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